जयपुर में 1 अप्रैल से जमीनों की डीएलसी दर में 5 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। हालांकि सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी, पंजीकरण ई और सरचार्ज में कोई बढ़ोतरी नहीं कर सीधे जमीनों की डीएलसी की दरों को ही बढ़ा दिया है। दूसरी ओर, बड़े भूखंडधारियों को राहत देते हुए डीएलसी दरों में एक हजार से 2 हजार र वर्गमीटर तक 5 प्रतिशत, 2 से 3 हजार वर्ग मीटर तक 10 प्रतिशत और 3 हजार वर्ग मीटर से अधिक में 15 प्रतिशत दरों में कमी कर बड़ी राहत दी गई है। डीएलसी वह न्यूनतम दर होती है जिस पर स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क की गणना की जाती है। डीएलसी दरों में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने से आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और औद्योगिक जमीनों की कीमतें बढ़ेगी। इसका असर छोटे भूखंड खरीदने वाले ग्राहकों पर पड़ेगा।
100 वर्ग गज जमीन की डीएलसी 10 हजार है तो रजिस्ट्री के ₹3600 अधिक लगेंगे
100 वर्ग गज प्लाट की कीमत 10 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर है। रजिस्ट्री करवाते समय वर्ग मीटर के हिसाब से इस प्लाट की साइज होगी 83.61 वर्ग मीटर होगी। जिसकी कीमत 836100 रुपए थी। अब 5 प्रतिशत डीएलसी दर बढ़ने पर इसकी कीमत 10500 रुपए होने से कुल कीमत 877905 रुपए हो गई। डीएलसी दर बढ़ने पर 41805 रुपए का बढ़ोतरी का अंतर हो गया। इस प्रकार दर बढ़ने पर रजिस्ट्री करवाने में 3600 रुपए का खर्च बढ़ गया।
कोरोना संकट से उबर रहा है रियल एस्टेट, डीएलसी बढ़ने से असर पड़ना तय है
- स्टाम्पवेंडरएसो. अध्यक्ष महेश झालानी का कहना है कोरोना से प्रॉपर्टी कारोबारी उबर नहीं पाए हैं कि 5% डीएलसी बढ़ गई। छोटे खरीदारों को स्टाम्प शुल्क, सरचार्ज व पंजीयन शुल्क ज्यादा देना होगा।
- एडवोकेट देवेंद्र यादव का कहना है कि डीएलसी दरों के बढ़ने से स्टाम्प शुल्क, व पंजीयन शुल्क का आमजन पर सीधा भार पड़ेगा। बिल्डर आत्मा राम गुप्ता का कहना है कि लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है। सरकार कई प्रकार के अनुदान
देकर आमजन को फायदा पहुंचा रही है। डीएलसी न बढ़े तो छोटे भूखंड खरीददारों को राहत मिलेगी। पत्नी के पक्ष में गिफ्ट डीड के दस्तावेजों पर माफ स्टाम्प ड्यूटी की छूट अब स्थाई रूप से जारी रहेगी इधर सरकार ने पत्नी के पक्ष में गिफ्ट डौड के दस्तावेजों पर 31 मार्च, 2022 तक स्टाम्प ड्यूटी माफ थी। अब इस छूट को स्थाई रूप से कर दिया गया है। राज्य के 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्ध जनों द्वारा अचल सम्पत्ति के क्रय के दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी 6 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी। पंजीयन शुल्क 1 प्रतिशत से 0.5 प्रतिशत कर दिया।
2021-22 में रजिस्ट्री में 55% की बढ़ोतरी हुई थी
रजिस्ट्रियों में 55% की वृद्धि होने से रियल एस्टेट के कारोबार में बूम रहा। 2018-19 में लक्ष्य 4750 करोड़ रुपए था जिसमें से 3889 करोड़ रुपए की आय हुई थी। कोरोनाकाल के बाद 2021-22 में लक्ष्य 6100 करोड़ रुपए रखा है जिससे 2200 करोड़ रुपए की अधिक सरकार को राजस्व आय हुई।
सरकार ने 5% डीएलसी बढ़ाई है तो दूसरी तरफ 1000 वर्ग मीटर से अधिक के भूखंड की डीएलसी को 10-15% कम कर राहत भी दी है।